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#AWPL, क्या होता है किडनी डायलिसिस ? जानें इससे जुड़ी आवश्यक जानकारी




  1. किडनी  शरीर के अद्भुत अंग होते हैं, जो शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों और अतिरिक्त सोडियम, पोटेशियम और फास्फोरस को अन्य चीजों से फ़िल्टर करते हैं। दुर्भाग्यवश ऐसी बहुत सारी बीमारियां होती हैं, जिनकी वजह के किडनी फेल हो जाती हैं।
  2. किडनी डायलेसिस (Kidney Dialysis) के द्वारा रक्त से उन विषाक्त पदार्थों को निकाला जाता है, जिन्हें किडनी फ़िल्टर करके बाहर नहीं निकाल पाती हैं।
  3. आपकी उम्र के आधार पर, आपकी किडनी फेल होने के कारण, आपकी किडनी कितनी क्षतिग्रस्त है और अन्य चीजें इत्यादि के आधार पर किडनी के मरीजों की ज़िदगी 10 साल तक बढ़ सकती है।
  4. एक बार जब नेफ्रोलॉजिस्ट द्वारा किसी व्यक्ति को किडनी डायलेसिस कराने की सलाह दी जाती है,तब सर्जन द्वारा एक्सेस साइट बनाई जाती है।
  5. यहां दो खोखले सुइयों को बांहों में लगाया रखा जाता है और फिर उन्हें डाइलिसिस मशीन से जुड़ा जाता है। यह पूरा उपचार सप्ताह में 3 से 4 घंटे तक चलता है।

किडनी डायलेसिस क्या होता है|

  1. किडनी डायलेसिस से तात्पर्य ऐसे उपचार से है, जिसे किडनी के कार्य को करने के लिए किया जाता है।किडनी डायलेसिस कराने की आवश्यकता तब पड़ती है, जब किडनी के मरीजों की किडनी पूरी तरह से खराब हो जाती हैं।

किडनी डायलेसिस कराने के कौन-कौन से कारण होते हैं?

आपको किडनी डायलेसिस  की आवश्यकता तब पड़ती है, जब आपकी किडनी पूरी तरह से खराब हो जाती है।

  1. आमतौर पर जब आपकी किडनी 85 से 90 प्रतिशत काम करना बंद कर देती है और जीएफआर 15 से कम हो जाता है, तब डॉक्टर आपको किडनी डायलेसिस कराने की सलाह देते हैं।

  2. कि़डनी डायलेसिस को निम्नलिखित कारणों से किया जाता है-

  1. किडनी का खराब होना

  2. शरीर में मौजूद विषाक्त पदार्थों, तरल पदार्थ का खतरनाक स्तर तक पहुंच जाना

  3. किडनी को ठीक करने के किसी अन्य तरीके का कारगर साबित न होना

  4. किडनी ट्रांस्प्लांट करना

किडनी डायलेसिस के कितने प्रकार होते हैं?

  • हेमोडायलेसिस- हेमोडायलेसिस, डायलेसिस का सबसे सामान्य प्रकार है।

    हेमोडायलेसिस में रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थ और अतिरिक्त तरल पदार्थ को निकालने के लिए कृत्रिम किडनी का उपयोग किया जाता है।

    रक्त को शरीर से निकाल दिया जाता है और कृत्रिम किडनी के माध्यम से फ़िल्टर किया जाता है। फ़िल्टर्ड रक्त को डायलिसिस मशीन की सहायता से शरीर में वापस लाया जाता है।

  • पेरिटोनियल डायलेसिस- पेरिटोनियल डायलिसिस में आपके पेट में पेरिटोनियल डायलिसिस (पीडी) कैथेटर को प्रत्यारोपित करने के लिए सर्जरी की जाती है।

    उपचार के दौरान, एक विशेष द्रव जिसे डायलेट कहा जाता है, पेरिटोनियम में प्रवाहित होता है। डायलीसेट अपशिष्ट को अवशोषित करता है।

    एक बार जब डायलिसेट रक्तप्रवाह से बाहर निकल जाता है, तो इसे आपके पेट से निकाल दिया जाता है।

  • कंटिन्यूस रिनवल रिप्लेसमेंट थेरेपी (सी.आर.आर.टी)- इस थेरेपी का उपयोग मुख्य रूप से उन लोगों के लिए किया जाता है, जिनकी किडनी पूरी तरह से खराब हो चकी होती है।

    एक मशीन ट्यूबिंग के माध्यम से रक्त को पार किया जाता है।

    एक फ़िल्टर तब अपशिष्ट उत्पादों और पानी को हटा देता है। प्रतिस्थापन तरल पदार्थ (रिप्लेसमेंट फ्लूड) के साथ, रक्त शरीर में वापस आ जाता है।

  • दिल्ली-NCR में किडनी डायलेसिस का खर्चा कितना होता 

  • जब किसी व्यक्ति का किडनी की बीमारी का इलाज शुरू होता है, तो डॉक्टर उसे किडनी डायेलिस कराने की सलाह देते हैं।

  • ऐसी स्थिति में उसके मन में दिल्ली-NCR में किडनी डायलेसिस  के खर्चे को लेकर काफी शंकाए होती हैं।

  • ये शंकाएं उसे किडनी डायलेसिस कराने से रोकती हैं, लेकिन यदि उन्हें यह पता हो कि किडनी डायलेसिस एक किफायदी प्रक्रिया है, जिसकी औसतन लागत 12,000 से 15,000 तक या 18 हजार से 20 हजार प्रति माह होती है।




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